रांची। झारखंड में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (Hemant Soren) के नाम खदान का पट्टा जारी होने के बाद आया सियासी भूचाल दिनोंदिन बढ़ता जा रहा है। अब निर्वाचन आयोग ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को नोटिस भेजकर जवाब मांगा है। निर्वाचन आयोग का नोटिस आने के बाद हेमंत सोरेन की सरकार के गिरने की संभावना बढ़ गयी है।
बता दें चुनाव आयोग ने 1 मई 2022 को झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन को नोटिस भेजकर यह बताने के लिए कहा कि उनके पक्ष में खदान का पट्टा जारी करने के लिए उनके खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं की जानी चाहिए। जो प्रथम दृष्टया लोक जनप्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 9ए का उल्लंघन करती है।
धारा 9ए सरकारी अनुबंधों के लिए किसी सदन से अयोग्यता से संबंधित है। चुनाव आयोग का नोटिस मिलने के बाद झारखंड में सियासी भूचाल आ गया है। इससे पहले बीते दिन राज्यपाल रमेश बैस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह से मिलकर झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के खिलाफ लाभ के दोहरे पद के मामले में कार्रवाई के पर्याप्त आधार होने की जानकारी दी थी।
हालांकि, राजभवन को अबतक इस मामले में चुनाव आयोग का मंतव्य नहीं मिला है। हालांकि, राज्यपाल की ओर से इस मामले में कड़ी कार्रवाई के संकेत दिए गए हैं। झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर कानून सम्मत कारज़्वाई के लिए भारत निर्वाचन आयोग की ओर से उन्हें नोटिस दी गई है।
चुनाव आयोग ने हेमंत सोरेन से अपना पक्ष रखने को कहा है। हेमंत से पूछा गया है कि खदान लीज के मामले में आखिर उनपर क्यों न कार्रवाई की जाए। जनप्रतिनिधत्व अधिनियम की धारा 9ए का हवाला देते हुए निर्वाचन आयोग ने कहा है कि यह कृत्य उन्हें अयोग्य ठहरा सकता है।
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