प्रयागराज। जेल में बंद माफिया अतीक अहमद अपने बेटे असद के जनाजे में शामिल नहीं हो सकेगा। कानूनी पेंच के कारण मंजूरी नहीं मिली है।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, पूरी रात जेल में अतीक अहमद रोता रहा है। अपने बेटे असद का नाम लेता रहा। पूरी रात वह जगा रहा और बेटे असद के जनाजे में जाने के लिए हाथ जोड़ता रहा। अतीक ने पुलिस से कहा कि बेटे का जनाजा बाप के कंधे पर जाना दुनिया का सबसे बड़ा दुख है।
बता दें कि अतीक अहमद के 22 वर्षीय बेटे और गुलाम का एनकाउंटर गुरुवार को यूपी पुलिस ने कर दिया था जिसके बाद आज उसे सुपुर्द ए खाक किया जाना है। बेटे के एनकाउंटर की खबर सुनने के बाद अतीक अहमद न्यायालय में ही बेहोश गया। होश आया तो दहाड़ मारकर रोने लगा।
इसके बाद जब उसे न्यायालय से बाहर लाया जा रहा था तो कुछ वकीलों ने उस पर जूता फेंका और भीड़ में से किसी ने उसे मां बहन की गाली दी तो अतीक अहमद ने उसे घूरकर देखा। बेटे के इनकाउंटर की सूचना मिल चुकी थी। उसके बावजूद जब किसी ने गाली दी तो गुस्से में अतीक अहमद और अशरफ पलटे और घूरकर देखने लगा।
योगी सरकार की कार्यवाही ने नागरिकों में यह हिम्मत पैदा कर दी है कि माफिया को लताड़ सके। दूसरी ओर अतीक अहमद ने पुलिस की पूछताछ में स्वीकारा कि बेटे की मौत के लिए मैं खुद जिम्मेदार हूं। यह सब मेरी वजह से हुआ है लेकिन यह बता दें कि बेटे को कहां दफनाया जाएगा।
एनकाउंटर में मारे गए ‘गुलाम’ के भाई राहिल कहते हैं कि हम उनका शव लेने नहीं जाएंगे। हमने थानाध्यक्ष को अपनी बात बता दी है। अगर कोई इस तरह का काम करता है तो आप उसका समर्थन कैसे कर सकते हैं?
इधर अतीक के बेट असद के शव को प्रयागराज लाया जा रहा है। उसके घर पर जुटने लगी भीड़। असद के जनाजे में शामिल होने के लिए लोग पहुंच रहे।
अतीक से नफरत
कई काले कारनामे और कांड के बाद लोग अतीक अहमद से नफरत करने लगे थे। उसकी कौम के लोग भी उससे दूरी बना रहे थे। उसने मदरसा की दो नाबालिग लड़कियों को उठा लिया था, जिनका पता आज तक नही चल सका है।
पोस्टमार्टम रिपोर्ट
झांसी मेडिकल कॉलेज के एमडी डॉक्टर नरेंद्र सेंगर ने बताया कि असद को 2 गोलियां और गुलाम को एक गोली लगी थी। जो इनके महत्वपूर्ण अंग से निकली, जिसके चलते इनकी मृत्यु हो गई। जब वे आए थे तब उनकी पीठ से काफी खून निकल रहा था।
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