रायपुर। छत्तीसगढ़ के बलौदाबाजार कलेक्टोरेट में हुई आगजनी मामले में सियासत तेज हो गई है। शुक्रवार को पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, नेता प्रतिपक्ष चरण दास महंत के साथ कांग्रेस पार्टी के सभी 30 विधायक और नेतागण सैकड़ों गाड़ियों के काफिले के साथ बलौदाबाजार पहुंचे हैं। यहां पहुंचते ही कांग्रेस के जांच दल ने सबसे पहले कलेक्ट्रेट परिसर और एसपी कार्यालय को देखा।
बलौदाबाजार रवाना होने से पहले रायपुर में पत्रकारों से बात करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि, सरकार की नाकामी की वजह से कलेक्टर और एसपी कार्यालय को जला दिया गया है। दोनों कार्यालय धू-धूकर जल गए और एसपी-कलेक्टर पीछे के दरवाजे से भाग गए। हमारे समस्त विधायक बलौदाबाजार जा रहे हैं और हम मामले की जांच करेंगे। इसके बाद पार्टी को रिपोर्ट सौंपेंगे। यह छत्तीसगढ़ नहीं, बल्कि पूरे देश का सबसे बड़ा मामला है। जहां कलेक्टर और एसपी कार्यालय को फूंक दिया गया है।
पूर्व सीएम श्री बघेल ने कहा कि, यह सरकार की सबसे बड़ी नाकामी है। इतना सब होने के बाद भी ये अनर्गल बातचीत कर रहे हैं। कांग्रेस के बाद भाजपा की जांच समिति गठन होने को लेकर, सरकार को इस तरह की टीम का गठन पहले ही कर लेना चाहिए था। यह सरकार की सबसे बड़ी नाकामी है और अब अपनी नाकामी छुपाने के लिए समिति का गठन कर रहे हैं।
पूर्व सीएम बघेल ने कहा, अपनी नाकामी को छुपाने के लिए पुलिस की बर्बरता का हम निंदा करते हैं. आम लोगों के साथ ऐसी बर्बरता नहीं होनी चाहिए. इस घटना के बाद जितने लोग लापता हैं उसकी सूची जारी करनी चाहिए. सरकार की ओर से अनर्गल बयानबाजी और दोषारोपण गलत है.
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