ग्वालियर। सुश्री सरिता पवार ने झांसी की रानी लक्ष्मीबाई के जीवन के आखिरी दिनों को केन्द्रित करते हुए पुस्तक की रचना की है। इस पुस्तक में रानी लक्ष्मीबाई के अंतिम दिनों का सिलसिलेवार लेखा जोखा दर्ज है।
झांसी की रानी लक्ष्मीबाई 1857 की क्रांति के समय अंतिम दिनों में ग्वालियर में रहीं थीं। दो जून 1858 को उन्होंने ग्वालियर में प्रवेश किया और अंग्रेजों से युद्ध करते हुए 18 जून को यहीं वीरगति प्राप्त की थी। इन्हीं अंतिम दिनों का सिलसिलेवार लेखा जोखा सुश्री सरिता पवार की किताब रानी लक्ष्मीबाई नेवालकर के अंतिम दिवस में दर्ज है। ग्वालियर के मानस भवन में इस किताब का विमोचन किया गया। समारोह के मुख्य अतिथि वरिष्ठ पत्रकार डॉ राकेश पाठक थे। अध्यक्षता आईटीएम विश्वविद्यालय के पत्रकारिता विभाग के अध्यक्ष जयंत सिंह तोमर ने की।
स्वागत भाषण सृजन सारथी संस्था के सचिव सचिन मजूमदार ने किया। संचालन डॉ अनामिका श्रीवास्तव ने किया। आभार सरिता पवार ने जताया। विमोचन समारोह में वरिष्ठ पत्रकार नईम कुरैशी, डॉ. अरविन्द रुनवाल, डॉ. शिराली रुनवाल, डॉ. प्रणय सलिल सहित कई साहित्य प्रेमी मौजूद रहे।
साभार : डॉ राकेश पाठक के फेसबुक वाल से
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